अब आन मिलो मोहन तन्हाई नहीं जाती भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










अब आन मिलो मोहन
तन्हाई नहीं जाती
अब और कही ठोकर
प्रभु खाई नही जाती
अब आन मिलों मोहन
तन्हाई नहीं जाती।।
तर्ज एक प्यार नगमा।


इस मर्ज की कौन बता
मुझे दवा पिलायेगा
वो जादू भरी ऊँगली
बालों में फिरायेगा
जो टिस उठे दिल में
वो दबाई नही जाती
अब और कही ठोकर
प्रभु खाई नही जाती
अब आन मिलों मोहन
तन्हाई नहीं जाती।।


मिलने को व्याकुल हूँ
मिल जाओ मेरे ठाकुर
तेरे दर्शन को कान्हा
मेरे नैना है आतुर
जो याद तेरी आती
वो भुलाई नही जाती
अब और कही ठोकर
प्रभु खाई नही जाती
अब आन मिलों मोहन
तन्हाई नहीं जाती।।









कहे हर्ष ये दर्द प्रभु
अब सहन नही होता
ये बोझ जुदाई का
अब वहन नही होता
जो पीड़ जिया में उठे
वो दिखाई नहीं जाती
अब और कही ठोकर
प्रभु खाई नही जाती
अब आन मिलों मोहन
तन्हाई नहीं जाती।।


अब आन मिलो मोहन
तन्हाई नहीं जाती
अब और कही ठोकर
प्रभु खाई नही जाती
अब आन मिलों मोहन
तन्हाई नहीं जाती।।
गायक मनीष जी भट्ट।










ab aan milo mohan tanhai nahi jati lyrics