आयो लाभ जनम शुभ पायो प्राग नाथजी भजन - MadhurBhajans मधुर भजन
आयो लाभ जनम शुभ पायो
दोहा प्रीत काहू से न कीजिये
देह धर कहे जगदीश
जे कीजिये प्रेम तो
दिजे तन मन धन और शीश।
आयो लाभ जनम शुभ पायो
पायो मोनखो हरी ने क्यों नी ध्यायो
ओपणे में लिखो अगली प्रीतों पालो
आया सो घर फेर सम्भालो
आपणा में लिखो आगलोणि प्रीतों पालो।।
लोहा काठ जगत जम जालो
मोह रे भरम रो बंधियो हिमालो
आपणा में लिखो आगलोणि प्रीतों पालो।।
कंचन घड़ाए कुड़ परो निवारो
हरी ऱी दरगाह में हेत सुं पधारो
आपणा में लिखो आगलोणि प्रीतों पालो।।
चरण गुरों रे कवल चित लावो
बोलिया प्राग स्वामी निकलंग ने ध्यावो
आपणा में लिखो आगलोणि प्रीतों पालो।।
आयो लाभ जन्म शुभ पायो
पायो मोनखो हरी ने क्यों नी ध्यायो
ओपणे में लिखो अगली प्रीतों पालो
आया सो घर फेर सम्भालो
आपणा में लिखो आगलोणि प्रीतों पालो।।
गायक महावीर चवदसिया।
प्रेषक दिनेश पांचाल बुड़ीवाड़ा।
8003827398
aayo labh janam shubh payo pragnathji bhajan lyrics