आयी बरसाने वाली है आयी रास रचते है कृष्ण कन्हाई लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










आयी बरसाने वाली है आयी
रास रचते है कृष्ण कन्हाई।।
तर्ज मेरी मैया मेरे घर आई।


देखो टोली है सखियों के संग में
छाई मस्ती है हर अंग अंग में
राधा कान्हा को देख मुस्काई
रास रचते है कृष्ण कन्हाई।।


कैसा प्यारा लगे ये नज़ारा
श्याम राधे को करते इशारा
देखो राधे रानी शरमाई
रास रचते है कृष्ण कन्हाई।।









राधे नाच नाच श्याम को रिझाए
कान्हा मुरली जो होंठो से लगाए
राधा रानी की सुध बिसराई
रास रचते है कृष्ण कन्हाई।।


श्याम अलबेला रास रचाए
सारे गोकुल को संग में नचाए
कहे पवन क्या माया रचाई
रास रचते है कृष्ण कन्हाई।।


आयी बरसाने वाली है आयी
रास रचते है कृष्ण कन्हाई।।
गायक राजू मेहरा जी।










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