आया शरण ठोकरे जग की खा के भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
आया शरण ठोकरे जग की खा के
हटूंगा तभी तेरी
हटूंगा तभी तेरी दया द्रष्टि पाके
आया शरण ठोकरे जग की खा के।।
तर्ज नहीं चाहिए दिल दुखाना किसी।
तूने बुलाया तो मैं नहीं आया
मेरे मन ने चाहा तो चरणों में आया
बड़ा दुःख पाया हूँ मैं
बड़ा दुःख पाया हूँ मैं तुझको भुला के
आया शरण ठोकरे जग की खा के।।
यदि लाज आती हो पलकें उठा लो
चरण में पड़ा है बालक हिवड़े लगालो
हाथ फिरा दो सिर पे
हाथ फिरा दो सिर पे अपना बना के
आया शरण ठोकरे जग की खा के।।
ये तन तुम्हारा है जैसे नचा लो
चाहे गिरा दो चाहे उठा लो
चाहे प्राण ले लो
चाहे प्राण ले लो गले को दबा के
आया शरण ठोकरे जग की खा के।।
आया शरण ठोकरे जग की खा के
हटूंगा तभी तेरी
हटूंगा तभी तेरी दया द्रष्टि पाके
आया शरण ठोकरे जग की खा के।।
स्वर संजू जी शर्मा।
aaya sharan thokre jag ki khake lyrics