आया नहीं भिजवाया गया हूँ कृष्ण सुदामा भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
आया नहीं भिजवाया गया हूँ
ग़रीबी का बेशक सताया गया हूँ
गरीबी झुका दे मुझको ये दम नहीं है
गरीबी झुका दे मुझको ये दम नहीं है
तू यार मेरा है ये कम नहीं है
आया नही भिजवाया गया हूँ
ग़रीबी का बेशक सताया गया हूँ।।
तेरे तन पे वस्त्र सुनहरे
मेरे तन पे फटे पुराने
तू छप्पन भोग लगाए
मेरे घर में नही है दाने
भूख मुझे झुका दे मुझको
ये दम नही है
तू यार मेरा है ये कम नहीं है
आया नही भिजवाया गया हूँ
ग़रीबी का बेशक सताया गया हूँ।।
तू महलो का है राजा
मेरी टूटी फूटी कुटिया
तेरे सिर पे छत्र विराजे
मेरी सुखी लंबी चुटिया
अमीरी झुका दे मुझको
ये दम नही है
तू यार मेरा है ये कम नहीं है
आया नही भिजवाया गया हूँ
ग़रीबी का बेशक सताया गया हूँ।।
तेरी थी क्या लाचारी
जो ली ना खबर हमारी
क्या डर गए कृष्ण मुरारी
तेरा यार है एक भिखारी
लाचारी झुका दे मुझको
ये दम नही है
तू यार मेरा है ये कम नहीं है
आया नही भिजवाया गया हूँ
ग़रीबी का बेशक सताया गया हूँ।।
हरी छोड़ सिंहासन आए
और मित्र को गले लगाए
सिंहासन पे बैठाए
अँसुअन से पाँव धुलाए
कन्हैया के दिल में देखो
ज़रा हम नही है
तू यार मेरा है ये कम नहीं है
आया नहीं भिजवाया गया हूँ
ग़रीबी का बेशक सताया गया हूँ।।
रहे होंठ खामोश आँखे हैं बोली
छीन पोटली जब सुदामा से खोली
भाभी ने क्या भिजवाया
क्या भेंट मित्र तुम लाए
क्यों छुपा रहे हो पोटली
क्यों दीखते हो घबराए
भाभी के भेजे तंदुल
कान्हा ने माथे लगाए
बस दो मुट्ठी ही खाए
अपने दो लोक लुटाए
फिर वस्त्र राजसी लेकर
थे मित्र को वो पहराए
छत्तीस प्रकार के व्यंजन
फिर अपने हाथ खिलाए
आवाभगत करी जब
सब देख के ये चकराए
गये करने शयन सुदामा
पर तनिक नही सो पाए
घर भूखी पत्नी बच्चे
ये सोच सोच घबराए
आए शयन कक्ष में कान्हा
सब कुशल क्षेम बतलाए
हरी छोड़ के सारे बंधन
थे मित्र के पाव दबाए
विश्वकर्मा को बुलवाए
और मित्र के घर भिजवाए
वो टूटी फूटी कुटिया
सोने का महल बनाए
जब लौट सुदामा आए
महल देख सुदामा हर्षाए
सजी धजी घर वाली
को वो पहचान ना पाए
कोई यार रोमी मेरे
श्याम सम नही है
आया नही भिजवाया गया हूँ
ग़रीबी का बेशक सताया गया हूँ।।
आया नहीं भिजवाया गया हूँ
ग़रीबी का बेशक सताया गया हूँ
गरीबी झुका दे मुझको ये दम नहीं है
गरीबी झुका दे मुझको ये दम नहीं है
तू यार मेरा है ये कम नहीं है
आया नहीं भिजवाया गया हूँ
ग़रीबी का बेशक सताया गया हूँ।।
स्वर रोमी जी।
aaya nahi bhijwaya gaya hoon bhajan lyrics