आरती युगलकिशोर की कीजे तन मन भी न्योछावर कीजे - MadhurBhajans मधुर भजन










आरती युगलकिशोर की कीजे
तन मन भी न्योछावर कीजे।।


गौरश्याम मुख निरखन लीजे
हरि का रूप नयन भरि पीजे
तन मन भी न्योछावर कीजे।।


रवि शशि कोटि बदन की शोभा
ताहि निरख मेरो मन लोभा
तन मन भी न्योछावर कीजे।।


ओढ़े नील पीत पट सारी
कुंज बिहारी गिरिवर धारी
तन मन भी न्योछावर कीजे।।









फूलन सेज फूलन की माला
रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला
तन मन भी न्योछावर कीजे।।


कंचन थार कपूर की बाती
हरि आए निर्मल भई छाती
तन मन भी न्योछावर कीजे।।


श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी
आरती करें सकल नर नारी
तन मन भी न्योछावर कीजे।।


नंदनंदन बृजभान किशोरी
परमानंद स्वामी अविचल जोरी
तन मन भी न्योछावर कीजे।।


आरती युगलकिशोर की कीजे
तन मन भी न्योछावर कीजे।।


ये भी देखें आरती कुञ्ज बिहारी की।











aarti yugal kishore ki kije tan man bhi nyochavar kije lyrics