आरती सुन्दरकाण्ड की कीजे आरती लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










आरती सुन्दरकाण्ड की कीजे
श्री पंचम सौपान की कीजे
आरती सुंदरकाण्ड की कीजे।।


सरल श्लोक दोहा चौपाई
गावत सुनत लगत सुखदाई
निश्चय अरु विश्वास से कीजे
आरती सुंदरकाण्ड की कीजे।।


सुरसा सिंगीका लंकिनी तारी
मिलत सिया सो लंका जारी
श्री मानस के सार की कीजे
आरती सुंदरकाण्ड की कीजे।।


चूड़ामणि ले पार ही आए
सीता के सुधि प्रभु ही सुनाए
ऐसे विद्यावान की कीजे
आरती सुंदरकाण्ड की कीजे।।









रावण लात विभीषण मारी
आए शरण लंकेश पुकारी
ऐसे रघुवर राम की कीजे
आरती सुंदरकाण्ड की कीजे।।


सकल सुमंगल दायक पढ़े जो
बिनु जलयान तरे भव जग सो
रसराज ह्रदय मानस की कीजे


आरती सुंदरकाण्ड की कीजे।।


आरती सुन्दरकाण्ड की कीजे
श्री पंचम सौपान की कीजे
आरती सुंदरकाण्ड की कीजे।।














aarti sunderkand ki kije lyrics