आराम के क्या क्या साथी है जब वक्त पड़ा तब कोई नहीं लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










आराम के क्या क्या साथी है
आराम के क्या क्या साथीं हैं
जब वक्त पड़ा तब कोई नहीं
जब वक्त पडा तब कोई नहीं।।


जब पैसा हमारे पास में था
मिलने वाले लाखो थे
जब पैसा हमारे पास में था
तब मिलने वाले लाखो थे
जब पैसा हमारे पास नहीं
तब मिलने वाला कोई नहीं
आराम के क्या क्या साथीं हैं
जब वक्त पडा तब कोई नहीं
आराम के क्या क्या साथीं हैं।।


वो रोज अकड़कर चलते थे
वो आज फिरे मारे मारे
वो रोज अकड कर चलते थे
वो आज फिरे मारे मारे
जिन्हे चाहने वाले लाखो थे
अब रोने वाला कोई नहीं
जिन्हे चाहने वाले लाखो थे
अब रोने वाला कोई नहीं
आराम के क्या क्या साथीं हैं
जब वक्त पडा तब कोई नहीं
आराम के क्या क्या साथीं हैं।।


एक बाग था जो फूलों से भरा
ईठलाती हुई चलती थी हवा
एक बाग था फूलों से भरा
ईठलाती हुई चलती थी हवा
अरे फूल चम्पे का तो जिक्र है क्या
अरे फूल चम्पे का तो जिक्र है क्या
उस बाग का माली कोई नहीं
आराम के क्या क्या साथीं हैं
जब वक्त पडा तब कोई नहीं
आराम के क्या क्या साथीं हैं।।









ऐ बिंदु क्यु रोता है
रोना तेरा बेेकार है सुन
ऐ बिंदु क्यु रोता है
रोना तेरा बेेकार है सुन
मिट्टी के भरोसे से कोई नहीं
मिट्टी के भरोसे से कोई नहीं
फिर अंत सहारा कोई नहीं
आराम के क्या क्या साथीं हैं
जब वक्त पडा तब कोई नहीं
आराम के क्या क्या साथी है।।


आराम के क्या क्या साथी है
आराम के क्या क्या साथीं हैं
जब वक्त पड़ा तब कोई नहीं
जब वक्त पडा तब कोई नहीं।।
गायक शंकर टाक जी।
प्रेषक मनीष सीरवी
9640557818










aaram ke kya kya sathi hai lyrics