आप आए नहीं और सुबह हो गई भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










आप आए नहीं और सुबह हो गई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
भोग रखा रहा फूल मुरझा गए
आरती भी धरी की धरी रह गई
आप आए नही और सुबह हो गई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई।।


हमसे रूठे हो क्यों आप आते नहीं
मेरा अपराध क्या है बताते नहीं
रोते रोते मेरी सांसे रुकने लगी
क्या बुलाने में मेरी कमी रह गई
आप आए नही और सुबह हो गई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई।।


ज्ञान भी हो गया ध्यान भी हो गया
फिर भी दर्शन की आशा धरी रह गई
इतना होते हुए मैं समझ ना सकी
कौनसी भावना में कमी रह गई
आप आए नही और सुबह हो गई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई।।


आप आए नहीं और सुबह हो गई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई
भोग रखा रहा फूल मुरझा गए
आरती भी धरी की धरी रह गई
आप आए नही और सुबह हो गई
मेरी पूजा की थाली धरी रह गई।।





















aap aaye nahi aur subah ho gayi lyrics