आनंद मंगलाचार सिंगाजी घर आनन्द मंगलाचार - MadhurBhajans मधुर भजन
आनंद मंगलाचार
सिंगाजी घर
आनन्द मंगलाचार।।
निर्गुण का गुण
कसा हम गावा रे
गुण को अंत नी पार
सिंगाजी घर
आनन्द मंगलाचार।।
ज्ञान गंगा की निर्मल धारा
सत्संग होय दिनरात
सिंगाजी घर
आनन्द मंगलाचार।।
होत भंडारा नित का नया रे
पावां छे महापरसाद
सिंगाजी घर
आनन्द मंगलाचार।।
आनंद मंगलाचार
सिंगाजी घर
आनन्द मंगलाचार।।
प्रेषक प्रमोद पटेल।
यूट्यूब पर 1निमाड़ी भजन संग्रह।
2प्रमोद पटेल सा रे गा मा पा
9399299349
aanand manglachar singaji ghar bhajan lyrics