आधु आधु पंथ निवन पथ मोटो राजस्थानी भजन लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन










आधु आधु पंथ निवन पथ मोटो
साधु संगत वाली करिया
विना भजन कुन तिरिया।।
श्लोक नीवन बड़ी संसार में
नही निवे सो निस
निवे नदी रो रुखड़ो
रेवे नदी रे बीसो बिस
निवे आम्बा आम्बली
निवे दाड़म डाल
अरिंड बिसारा क्या निवे
ज्यारी ओसी कहिजे आस।


मूल कमल में चार चौकी
गणपत आसान धरिया।
आसान धर अखंड होये बैठा
जप जम्पा धरिया ओ।।
साधु भाई बिना भजन कुण तरिया
आदु आदु पंथ निवन पथ मोटो
साधु संगत वाली करिया
विना भजन कुन तिरिया।।









पहली रे नीवन मारी मात पिता ने
उत्पुत पालन करिया।
बीजी रे नीवन मारी धरती माता नी
जिन पर पगला धरिया ओ।।
साधु भाई बिना भजन कुण तरिया
आदु आदु पंथ निवन पथ मोटो
साधु संगत वाली करिया
विना भजन कुन तिरिया।।


तीजी रे निवन मारा गुरुजी नी
सर पर हतपन धरिया।
चौथी नीवन मारी
सतरी संगत नी
जिन में जाए सुधरिया।।
साधु भाई बिना भजन कुण तरिया
आदु आदु पंथ निवन पथ मोटो
साधु संगत वाली करिया
विना भजन कुन तिरिया।।


नीवन करु मारा सूर्यदेव नी
सकल उजाला करिया।
घणो रे नीवन मारा
अन रे देव नी
जिन सु ओदर भरिया ओ।।
साधु भाई बिना भजन कुण तरिया
आदु आदु पंथ निवन पथ मोटो
साधु संगत वाली करिया
विना भजन कुन तिरिया।।


मैहर हुई मारा गुरुपिरो री
होई इंद्र नी वरीया।
अमृत बूंदा वर्षण लागी
मान सरोवर भरिया।।
साधु भाई बिना भजन कुण तरिया
आदु आदु पंथ निवन पथ मोटो
साधु संगत वाली करिया
विना भजन कुन तिरिया।।


विना पाल भव सागर भरिया
घणा डूबा थोड़ा तरिया।
गुरु शरणे माली लखमोजी बोले
भूल भर्म सब टलिया हो।।
साधु भाई बिना भजन कुण तरिया
आधु आधु पंथ निवन पथ मोटो
साधु संगत वाली करिया
विना भजन कुन तिरिया।।

भजन गायक श्री श्याम पालीवाल
तथा श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित।










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