आधी रात ने बजावे कान्हो बंसी ने राजस्थानी भजन - MadhurBhajans मधुर भजन










आधी रात ने बजावे कान्हो बंसी ने
सोवे ना सोवादे प्यारी गुजरा ने।।
वृन्दावन बंसी बजी
और मोह्या तीनो लोक
मोबा में आया नहीं
तो रिया कोण सा लोक।


आधी रात ने बजावे कान्हो बंसी ने
सोवे ना सोवादे प्यारी गुजरा ने
ढलती रात ने बजावे कान्हा बंसी ने
सोवे ना सोवादे प्यारी गुजरा ने।।


ऐसी मोहन बिन बजाई
ऐसी रे मोहन बिन बजाई
सुण गुजरिया दौड़ी दौड़ी आई
सुण गुजरिया दौड़ी दौड़ी आई
कान्हो जादू करयो रे म्हारा तन मन में
सोवे ना सोवादे प्यारी गुजरा ने
ढलती रात ने बजावे कान्हा बंसी ने
सोवे ना सोवादे प्यारी गुजरा ने।।









सुण गुजरिया नन्द घर आई
सुण गुजरिया नन्द घर आई
कुंवर कन्हैया का हाल सुणाई
कुंवर कन्हैया का हाल सुणाई
थोड़ी डांट तो पीला ने थारा लाला ने
सोवे ना सोवादे प्यारी गुजरा ने
ढलती रात ने बजावे कान्हा बंसी ने
सोवे ना सोवादे प्यारी गुजरा ने।।


चन्द्रसखी ब्रज बाल की शोभा
चन्द्रसखी ब्रज बाल की शोभा
श्याम दीवाना राधा का होजा
श्याम दीवाना राधा का होजा
कान्हो रास रचावे नित मधुवन में
सोवे ना सोवादे प्यारी गुजरा ने
ढलती रात ने बजावे कान्हा बंसी ने
सोवे ना सोवादे प्यारी गुजरा ने।।


आधी रात ने बजावे कान्हो बंसी ने
सोवे ना सोवादे प्यारी गुजरा ने
ढलती रात ने बजावे कान्हा बंसी ने
सोवे ना सोवादे प्यारी गुजरा ने।।










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