आछो लागे ओ थारो धाम जी धन धन आवरा माता कथा लिरिक्स - MadhurBhajans मधुर भजन
आछो लागे ओ थारो धाम जी
धन धन आवरा
श्रष्टि रटे ओ थारो नाम जी
राठौड़ा कुल करनी केशर नाम जी
धिन धिन आवरा
श्रष्टि रटे ओ थारो नाम जी।।
कुलदेवी सपने आवे
आसाजी सु फरमावे
सुतोड़ा आन जगावे
आसा क्यों मन गबरावे
सातो कवराने केवो
गुडले चढ़ बेगा जाओ
नही तो पड़वा दु दूजी शाम रे
धिन धिन आवरा
श्रष्टि रटे ओ थारो नाम जी।।
सातो सगपन कर आवे
फेरा दो दिन जद आवे
सातो बराता आई
आशा मन चिंता छाई
जगड़ो वे वेला भारी
जावेला इज्जत मारी
लाज राठौड़ी कुल रो नाम जी
धिन धिन आवरा
श्रष्टि रटे ओ थारो नाम जी।।
होवेला अब यो काई
माता मन मे घबराई
बाई रो मान गटेला
रखता है प्राण बचेला
कीकर याने समजाऊ
बाई किन संग परणाऊ
तलवारा चाले ली इन धाम में
धिन धिन आवरा
श्रष्टि रटे ओ थारो नाम जी।।
बोली रज पूतन जाइ
माता क्यों मन घबराई
राठौड़ी आन बचाउ
थारो नही दूध लजाउ
कुलदेवी आज मनाऊ
सूरज रो धियान लगाऊ
मारो भी कवरी केशर नाम जी
धिन धिन आवरा
श्रष्टि रटे ओ थारो नाम जी।।
शक्ति सुरगासु आई
काडा विच आ गी माई
धरती मया सु बोली
थारी फेला दे जोली
बोली जब भाग्य विदाता
सुनले ओ धरती माता
थारी गोदी में लू विश्राम जी
धिन धिन आवरा
आछो लागे जी थारो नाम जी।।
सक्ति धरती में समाई
कन्या दो संग रे माई
देवी संग साथ सीधाई
भोमिया भी लारे जाई
आशा जद दौड़िया आवे
चूंदड़ रा दरसन पावे
धीरज धर्वारो नही काम जी
धिन धिन आवरा
श्रष्टि रटे ओ थारो नाम जी।।
सुनली जब सब सिरदारा
निकली रोकी तलवारा
विन्द जब सातो बोले
सक्ति में मनड़ो डोले
मैया परचा दिखलाया
आपस रा भेर मिटाया
सुमिरन में कर्षा सूबे शाम रे
धिन धिन आवरा
श्रष्टि रटे ओ थारो नाम जी।।
आशा जी रुदन मचावे
मने क्यों छोड़ने जावे
हेलो में किन्ने देऊ
किन्ने बाई केशर केउ
सक्ति मारे गर आया
में तो नही जानी माया
महामाया धारियों केशर नाम जी
धिन धिन आवरा
श्रष्टि रटे ओ थारो नाम जी।।
सुनलो दादोसा मारी
श्रष्टि माने है सारी
धरती आकास रेवेला
आशा रो नाम रेवेला
सुखिया ओ सातो भाई
माता ने धीरज बन्दाई
जग माई कर लीजो सुभ काम जी
धिन धिन आवरा
श्रष्टि रटे ओ थारो नाम जी।।
विक्रम समत है भाया
1410 कहलाया
वाकई सुध आठम आई
दिन हो इतवार है भाई
हेलो सुनजो भक्तारो
सरणो जो लेलियो थारो
गुण थारा गावा सूबे शाम जी
धिन धिन आवरा
श्रष्टि रटे ओ थारो नाम जी।।
आछो लागे ओ थारो धाम जी
धन धन आवरा
श्रष्टि रटे ओ थारो नाम जी
राठौड़ा कुल करनी केशर नाम जी
धिन धिन आवरा
श्रष्टि रटे ओ थारो नाम जी।।
गायक महेन्द्र सिंह राठौड़।
प्रेषक मगनलाल प्रजापति मोलेला।
7229814054
aacho lage o tharo dhaam ji dhin dhin aawra lyrics